चन्द्रमा
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पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से देखा गया पूर्ण चंद्र
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उपनाम | ||||||||||
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विशेषण | लूनर, सेलेनिक | |||||||||
कक्षीय विशेषताएँ | ||||||||||
पेरिएप्सिस | 363,295 किमी (0.0024 एयू) | |||||||||
एपोऐप्सिस | 405,503 किमी (0.0027 एयू) | |||||||||
अर्ध मुख्य अक्ष | 384,399 (0.00257 AU)[1] | |||||||||
विकेन्द्रता | 0.0549[1] | |||||||||
परिक्रमण काल | 27.321582 d(27 d 7 h 43.1 min[1]) | |||||||||
संयुति काल | 29.530589 d(29 d 12 h 44 min 2.9 s) | |||||||||
औसत परिक्रमण गति | 1.022 किमी/सेकंड | |||||||||
झुकाव | 5.145° क्रांतिवृत्त से[2] (पृथ्वी की भूमध्यरेखा से 18.29° और 28.58° के बीच)[1] | |||||||||
आरोह पात का अनुलम्ब | regressing by one revolution in 18.6 years | |||||||||
Argument of perigee | progressing by one revolution in 8.85 years | |||||||||
स्वामी ग्रह | पृथ्वी | |||||||||
भौतिक विशेषताएँ | ||||||||||
माध्य त्रिज्या | 1,737.10 km (0.273 Earths)[1][3] | |||||||||
विषुवतीय त्रिज्या | 1,738.14 km (0.273 Earths)[3] | |||||||||
ध्रुवीय त्रिज्या | 1,735.97 km (0.273 Earths)[3] | |||||||||
सपाटता | 0.00125 | |||||||||
परिधि | 10,921 km (equatorial) | |||||||||
तल-क्षेत्रफल | 3.793साँचा:Esp km2 (0.074 Earths) | |||||||||
आयतन | 2.1958साँचा:Esp km3 (0.020 Earths) | |||||||||
द्रव्यमान | 7.3477साँचा:Esp kg (0.012300 Earths[1]) | |||||||||
माध्य घनत्व | 3.3464 g/cm3[1] | |||||||||
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण | 1.622 m/s2 (0.165 4 g) | |||||||||
पलायन वेग | 2.38 km/s | |||||||||
नाक्षत्र घूर्णन काल | 27.321582 d (समकालिक) | |||||||||
विषुवतीय घूर्णन वेग | 4.627 m/s | |||||||||
अक्षीय नमन | 1.5424° (क्रांतिवृत्त से) 6.687° (कक्षीय तल)[2] | |||||||||
अल्बेडो | 0.136[4] | |||||||||
सतह का तापमान equator 85°N[5] |
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स्पष्ट परिमाण | −2.5 to −12.9[a] −12.74 (माध्य पूर्ण चंद्र) | |||||||||
कोणीय व्यास | 29.3 से 34.1 आर्क मीनट | |||||||||
वायु-मंडल[6] | ||||||||||
सतह पर दाब | 10−7 Pa (दिन) 10−10 Pa (रात) | |||||||||
संघटन | Ar, He, Na, K, H, Rn |
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाचवाँ सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी ३८४,४०३ किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी कि परिधि के ३० गुना है। चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से १/६ है। यह प्रथ्वी कि परिक्रमा २७.३ दिन मे पूरा करता है और अपने अक्ष के चारो ओर एक पूरा चक्कर भी २७.३ दिन में लगाता है | यही कारण है कि चन्द्रमा का एक हिस्सा या फेस हमेंसा पृथ्वी की ओर होता है | यदि चन्द्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखे तो पृथ्वी साफ़ साफ़ अपने अक्ष पर घूर्णन करती हुई नजर आएगी लेकिन आसमान में उसकी स्थिति सदा स्थिर बनी रहेगी अर्थात पृथ्वी को कई वर्षो तक निहारते रहो वह अपनी जगह से टस से मस नहीं होगी | पृथ्वी- चन्द्रमा-सूर्य ज्यामिति के कारण "चन्द्र दशा" हर २९.५ दिनों में बदलती है। आकार के हिसाब से अपने स्वामी ग्रह के सापेक्ष यह सौरमंडल में सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है जिसका व्यास पृथ्वी का एक चौथाई तथा द्रव्यमान १/८१ है | बृहस्पति के उपग्रह lo के बाद चन्द्रमा दूसरा सबसे अधिक घनत्व वाला उपग्रह है | सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार निकाय चन्द्रमा है | समुद्री ज्वार और भाटा चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आते है | चन्द्रमा की तात्कालिक कक्षीय दूरी, पृथ्वी के व्यास का ३० गुना है इसीलिए आसमान में सूर्य और चन्द्रमा का आकार हमेशा सामान नजर आता है | जब चन्द्रमा अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो उसे सूर्यग्रहण कहते है |
अन्तरिक्ष मे मानव सिर्फ चन्द्रमा पर ही कदम रख सका है। सोवियत राष्ट् का लूना-१ पहला अन्तरिक्ष यान था जो चन्द्रमा के पास से गुजरा था लेकिन लूना-२ पहला यान था जो चन्द्रमा की धरती पर उतरा था। सन् १९६८ में केवल नासा अपोलो कार्यक्रम ने उस समय मानव मिशन भेजने की उपलब्धि हासिल की थी और पहली मानवयुक्त ' चंद्र परिक्रमा मिशन ' की शुरुआत अपोलो -८ के साथ की गई | सन् १९६९ से १९७२ के बीच छह मानवयुक्त यान ने चन्द्रमा की धरती पर कदम रखा जिसमे से अपोलो-११ ने सबसे पहले कदम रखा | इन मिशनों ने वापसी के दौरान ३८० कि. ग्रा. से ज्यादा चंद्र चट्टानों को साथ लेकर लौटे जिसका इस्तेमाल चंद्रमा की उत्पत्ति, उसकी आंतरिक संरचना के गठन और उसके बाद के इतिहास की विस्तृत भूवैज्ञानिक समझ विकसित करने के लिए किया गया | ऐसा माना जाता है कि करीब ४.५ अरब वर्ष पहले पृथ्वी के साथ विशाल टक्कर की घटना ने इसका गठन किया है |
सन् १९७२ में अपोलो-१७ मिशन के बाद से चंद्रमा का दौरा केवल मानवरहित अंतरिक्ष यान के द्वारा ही किया गया जिसमें से विशेषकर अंतिम सोवियत लुनोखोद रोवर द्वारा किया गया है | सन् २००४ के बाद से, जापान, चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी में से प्रत्येक ने चंद्र परिक्रमा के लिए यान भेजा है | इन अंतरिक्ष अभियानों ने चंद्रमा पर जल-बर्फ की खोज की पुष्टि के लिए विशिष्ठ योगदान दिया है | चंद्रमा के लिए भविष्य की मानवयुक्त मिशन योजना सरकार के साथ साथ निजी वित्त पोषित प्रयासों से बनाई गई है | चंद्रमा ' बाह्य अंतरिक्ष संधि ' के तहत रहता है जिससे यह शांतिपूर्ण उद्देश्यों की खोज के लिए सभी राष्ट्रों के लिए मुक्त है |
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