الجمعة، 1 يناير 2016

शुक्र

शुक्र

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शुक्र  The Venusian symbol, a circle with a small equal-armed cross beneath it
Venus
शुक्र वास्तविक रंग में, सतह बादलों की एक मोटी चादर से छिप गया है।
उपनाम
विशेषणVenusian or (rarely)Cytherean, Venerean
कक्षीय विशेषताएँ[2]
युग J2000
उपसौर
  • 10,89,39,000 किमी
  • 0.728213 AU
अपसौर
  • 10,74,77,000 किमी
  • 0.718440 AU
अर्ध मुख्य अक्ष
  • 10,82,08,000 किमी
  • 0.723327 AU
विकेन्द्रता0.006756
परिक्रमण काल
संयुति काल583.92 days[3]
औसत परिक्रमण गति35.02 किमी/सेकंड
माध्य कोणान्तर50.115°
झुकाव
आरोह  पात का अनुलम्ब76.678°
Argument of perihelion55.186°
उपग्रहकोई नहीं
भौतिक विशेषताएँ
माध्य त्रिज्या
  • 6,051.8 ± 1.0 km[5]
  • 0.9499 पृथ्वी
सपाटता0[5]
तल-क्षेत्रफल
  • 4.60 x 108 किमी2
  • 0.902 पृथ्वी
आयतन
  • 9.28 x 1011 किमी3
  • 0.866 पृथ्वी
द्रव्यमान
  • 4.868 5×1024 किग्रा
  • 0.815 पृथ्वी
माध्य घनत्व5.243 ग्राम/सेमी3
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण
पलायन वेग10.36 किमी/सेकंड
नाक्षत्र घूर्णन
काल
−243.018 दिवस (प्रतिगामी)
विषुवतीय घूर्णन वेग6.52
अक्षीय नमन177.3°[3]
उत्तरी ध्रुवदायां अधिरोहण
  • 18 घंटे 11 मिनट 2 सेकंड
  • 272.76°[6]
उत्तरी ध्रुवअवनमन67.16°
अल्बेडो
सतह का तापमान
   Kelvin
   Celsius
न्यूनमाध्यअधि
735 K[3][11][12]
462 °C
स्पष्ट परिमाण
  • सर्वाधिक चमक −4.9[8][9](अर्धचंद्र)
  • −3.8[10] (पूर्णचंद्र)
कोणीय व्यास9.7"–66.0"[3]
वायु-मंडल
सतह पर दाब92 bar (9.2 MPa)
संघटन
शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है |[13] ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है | चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है | इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लए पर्याप्त उज्जवलता है |[14] चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है | शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है | यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है |
शुक्र एक स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत है और समान आकार, गुरुत्वाकर्षण और संरचना के कारण कभी कभी उसे पृथ्वी का "बहन ग्रह" कहा गया है | शुक्र आकार और दूरी दोनों मे पृथ्वी के निकटतम है | हालांकि अन्य मामलों में यह पृथ्वी से एकदम अलग नज़र आता है | शुक्र सल्फ्यूरिक एसिड युक्त अत्यधिक परावर्तक बादलों की एक अपारदर्शी परत से ढँका हुआ है| जिसने इसकी सतह को दृश्य प्रकाश में अंतरिक्ष से निहारने से बचा रखा है | इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों मे सघनतम है और अधिकाँशतः कार्बन डाईऑक्साइड से बना है | ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना मे 92 गुना है | 735° K (462°C,863°F) के औसत सतही तापमान के साथ शुक्र सौर मंडल मे अब तक का सबसे तप्त ग्रह है | कार्बन को चट्टानों और सतही भूआकृतियों में वापस जकड़ने के लिए यहाँ कोईकार्बन चक्र मौजूद नही है और ना ही ज़ीवद्रव्य को इसमे अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ नज़र आता है | शुक्र पर अतीत में महासागर हो सकते है[15]लेकिन अनवरत ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के साथ वह वाष्पीकृत होते गये होंगे |[16]पानी की अधिकांश संभावना प्रकाश-वियोजित (Photodissociation) रही होने की, व, ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र के अभाव की वजह से, मुक्त हाइड्रोजन सौर वायु द्वारा ग्रहों के बीच अंतरिक्ष में बहा दी गई है।[17]शुक्र की भूमी बिखरे शिलाखंडों का एक सूखा मरुद्यान है और समय-समय पर ज्वालामुखीकरण द्वारा तरोताजा की हुई है।

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